जिले में भी अजब-गजब कारनामे देखने को मिल रहे हैं । जहां तत्कालीन सचिव एवं रोजगार सहायक नरेश लहरे ने अपनी ही मां के 4 पति बताकर प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले लिया। नरेश लहरें ने अपनी मां को अपने भाईयों के ससुर की पत्नी बना दिया, तो वहीं अपनी पत्नी के नाम स्वीकृत कराया प्रधानमंत्री आवास में अपनी मां को ही सास बना लिया। जब इस बात का खुलासा हुआ तो पूरा विभाग सकते में आ गया। लेकिन इस बीच अधिकारियों की लापरवाही भी सामने आई। जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह ओहरिया द्वारा 6 अप्रैल को ग्राम रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे के विरूद्ध थाने में एफआईआर दर्ज कराकर तीन दिवस के अंदर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के जनपद अनूपपुर सीईओ को निर्देश दिए गए थे। लेकिन 3 दिनों का समय बीत जाने के बाद भी किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई।
यह है मामला

ग्राम पंचायत लतार में प्रभारी सचिव के पद रहे रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे द्वारा पीएम आवास योजना के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया गया। जिसकी लगातार शिकायतों के बाद जनपद स्तर पर समिति बनाकर जांच की गई। जहां जांच के दौरान एक ही घर में दो सगे भईयों जितेन्द्र चौधरी तथा दासू चौधरी को वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृत किया गया था। जिसके बाद दौलत चौधरी द्वारा प्रथम किश्त का उपयोग कर भवन प्लिंथ कार्य पूर्ण करने पर द्वितीय किश्त की राशि 45 हजार के लिये जियो टैग की गई, किन्तु रोजगार सहायक ने जितेन्द्र चौधरी के द्वारा प्रथम किश्त के बाद भी भवन निर्माण का कार्य नही किये जाने के बावजूद उसे दौलत चौधरी के आवास के सामने खड़ा कराते हुये जियो टैग कर दोनो भाईयों को संपूर्ण राशि भुगतान की कार्यवाही करते हुये राशि का गबन कर लिया गया। इसके साथ ही वर्ष 2019-20 में चैतू कोल पिता लीला कोल, धन्नू यादव पिता रेवा यादव तथा राम सिंह गोड़ पिता जोहन सिंह का स्वीकृत पीएम आवास का कार्य अपूर्ण होने के बावजूद रोजगार सहायक द्वारा पूर्ण स्तर का जियो टैग करते हुये चतुर्थ किश्त की राशि का भुगतान कराया जाकर शासकीय राशि का गबन कर शासन को क्षति पहुंचाया गया है।
15 वर्षीय बड़े पुत्र की फोटो लेकर जियो टैग
तत्कालीन सचिव व रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे पिता ठुनगुन चौधरी का नया कारनामा सामने आया है। जहां अपने तीन सगे भाईयों सहित स्वयं की पत्नी को पीएम आवास का लाभ अनुचित रूप से अपनी मां गुलईची बाई को अपने भाईयों के ससुर रामचरण, नानसाई वा अपने स्वयं के ससुर गोलीदास की पत्नी बना कर लाभ दिलाया गया है। जबकि गुलईची बाई के असली पति का नाम ठुनगुन चौधरी है। इतना ही नही अपनी पत्नी प्रेमा बाई के नाम से स्वीकृत किया गया । पीएम आवास के जियो टैग करते समय मकान के सामने अपने 15 वर्षीय बड़े पुत्र की फोटो लेकर जियो टैग किया गया है।
मां को बनाया सास
पूरे मामले की जानकारी के अनुसार रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे ने अपने तीन भाईयों सुरेश चौधरी, राजाराम चौधरी व कमलेश चौधरी है। जहां वर्ष 2018-19 में रोजगार सहायक ने अपने भाई राजाराम की पत्नी सावित्री चैधरी, अपनी पत्नी प्रेमा बाई तथा अपनी भाई कमलेश की पत्नी कमलेश्वरी के नाम पर पीएम आवास स्वीकृत कराया। लेकिन इन सब में अपनी मां को अपने भाईयों के ससुर की पत्नी बना दिया, तो वहीं अपनी पत्नी के नाम स्वीकृत कराया प्रधानमंत्री आवास में अपनी मां को ही सास बना लिया। लेकिन इस मामले की जांच अब तक जनपद व जिला पंचायत स्तर पर नही की गई है। जहां पूरे मामला संज्ञान होने के बावजूद रोजगार सहायक नरेश प्रसाद लहरे पर जनपद अनूपपुर सीईओ ने अब तक प्राथमिकी दर्ज नही किया गया है।