– नेशनल पार्क के अंदर है प्रसिद्ध प्राचीन बलारपुर माता का मंदिर

– टाइगर आने के बाद अघोषित तौर पर वन विभाग ने लगा दी है रोक, नवरात्रि में हर बार लगता है मेला
शिवपुरी। रंजीत गुप्ता। शिवपुरी के प्रसिद्ध बलारपुर माता मंदिर पर इस बार नवरात्रि में मेला भर पाएगा कि नहीं इसको लेकर संशय है। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क के अंदर बलारपुर माता का प्रसिद्ध मंदिर आता है लेकिन पिछले दिनों यहां पर इस बलारपुर वन क्षेत्र में ही तीन टाइगर लाए जाने के बाद इस बलारपुर माता के मंदिर दर्शन के लिए जाने वाले लोगों के आने- जाने पर अघोषित तौर पर रोक लगा दी है।
मंदिर पर दर्शन करने के लिए लोगों को जाने नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा चैत नवरात्रि में सातवें दिन प्रसिद्ध बलारपुर का माता मंदिर का मेला 100 साल से भरता हुआ आ रहा है लेकिन इस बार इस 22 मार्च से शुरू होने वाले नवरात्रि महोत्सव में यह बलारपुर पर मेला भर पाएगा कि नहीं इसको लेकर संशय बना हुआ है। जिला प्रशासन और वन विभाग स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहा है। वन विभाग द्वारा बलारपुर मंदिर के गेट पर लोगों को आने-जाने नहीं दिया जा रहा है। बीते 10 मार्च को यहां पर तीन टाइगर लाए गए थे। तीन टाइगर लाए जाने के बाद अब स्थिति यह है कि यहां पर 20 मार्च को यहां पर खुले जंगल में एक टाइगर छोड़ दिया गया है। खुले में टाइगर छोड़े जाने के बाद वन विभाग के अधिकारी आसपास के ग्रामीणों को उनकी जमीन व मंदिर पर नहीं जाने दे रहे हैं। इसके अलावा बलारपुर माता मंदिर पर आने- जाने पर अघोषित रोक लगा दी गई है। वन विभाग के अधिकारी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कह रहे हैं। वहीं दूसरी ओर बलारपुर के प्रसिद्ध माता मंदिर पर रोक लगाए जाने के बाद ग्रामीण क्षेत्र के भक्तगणों में आक्रोश है और वह इस अघोषित रोक से नाराज हैं।
दर्शन करने से रोका जा रहा है ग्रामीणों को-
प्रसिद्ध बलारपुर माता का मंदिर काफी प्राचीन है और इस मंदिर से लोगों की काफी आस्था जुड़ी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। इसके अलावा चैत्र नवरात्रा में यहां पर हर वर्ष मेला लगता है लेकिन इस बार वन विभाग के कर्मचारी गेट पर ही लोगों को रोक रहे हैं। मंदिर तक जाने नहीं दिया जा रहा है।अघोषित तौर पर प्रतिबंध लगाए जाने से लोगों में काफी आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी आस्था का केंद्र मंदिर है लेकिन यहां पर वन विभाग ने अघोषित तौर पर रोक लगा दी है।वहीं कुछ जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यदि किसी तरह की रोक लगाई गई है तो उस तरह के आदेश बताएं जाने चाहिए लेकिन वन विभाग इस तरह के कोई आदेश नहीं बता रहा है।
हर साल पंचायत के हाथों में रहती थी मेले की व्यवस्था-
इस मेले से आस्था रखने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हर साल बलारपुर मेले की व्यवस्था पंचायत के हाथ में रहती थी। आने जाने पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था। मंदिर के पास लगने वाले मेले पर बड़ी संख्या में दुकानदार अपनी दुकानें भी लगाते थे लेकिन इस बार दुकानदारों को दुकानें नहीं लगाने दी जा रही है। मंदिर तक भी जाने से रोक दिया गया है। भक्तों में इसको लेकर काफी आक्रोश है। जिला प्रशासन से इस रोक को हटाने की मांग ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने की है।
गोलमाल जवाब दे रहे हैं वन विभाग के अधिकारी-
जब इस संबंध में माधव राष्ट्रीय उद्यान के डायरेक्टर उत्तम शर्मा से बातचीत की गई तो उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एक टाइगर को खुले में छोड़ दिया गया है इसलिए पैदल यात्रियों को वहां जाने से रोका जा रहा है। बलारपुर मंदिर पर हर वर्ष लगने वाले मेले को लेकर जब उनसे प्रश्न किया गया तो सीधा उत्तर देने की बजाय उन्होंने कहा कि हम इस संबंध में वह जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे हैं जबकि 22 मार्च से चैत नवरात्रा महोत्सव शुरू हो रहा है और मंदिर से आस्था रखने वाले लोग मंदिर पर दर्शन करने के लिए जाना चाहते हैं। इसके अलावा चैत्र नवरात्र में सातवें दिन लगने वाले मेले को लेकर अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है और अधिकारी गोलमोल जवाब देते नजर आ रहे हैं।