नवरात्रि का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. 22 मार्च से सुरू हो रही है नवरात्रि नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की विधि-विधान से पूजा की जाती है. सालभर में कुल 4 नवरात्रि आती हैं जिसमें चैत्र और शारदीय नवरात्रि का महत्व काफी ज्यादा होता है. माना जाता है कि नवरात्रि में माता की पूजा-अर्चना करने से देवी दुर्गा की खास कृपा होती है. इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च 2023, बुधवार से शुरू हो रही हैं. मां दुर्गा की सवारी वैसे तो शेर है लेकिन जब वह धरती पर आती हैं तो उनकी सवारी बदल जाती है. इस बार मां दुर्गा नौका यानी नाव पर सवार होकर धरती पर आएंगी. तो आइए चैत्र नवरात्रि घट स्थापना, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि भी जान लेते हैं
ज्योतिषाचार्य पंडित अखिलेश त्रिपाठी के मुताबिक, प्रतिपदा तिथि 21 मार्च रात में 11 बजकर 4 मिनट पर लग जाएगी इसलिए 22 मार्च को सूर्योदय के साथ नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ होगी.
इस वर्ष मां का आगमन नौका पर है, जिसे सुख-समृद्धि कारक कहा जाता है. पूरे 9 दिनों के नवरात्र में मां के 9 स्वरूपों की पूजा होगी. उन्होंने नवरात्र के संयोग के बारे में बताया कि चार ग्रहों का परिवर्तन नवरात्र पर देखने को मिलेगा.
*यह संयोग 110 वर्षों के बाद मिल रहा है*
. इस बार नव संवत्सर लग रहा है. माना जाता है कि इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने पृथ्वी की रचना की थी. इसलिए यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है.
*कन्या पूजन तिथि और शुभ मुहूर्त*
कुछ लोग दुर्गाष्टमी के दिन ही कन्या पूजन करते हैं, तो कुछ स्थानों पर नवमी के दिन किया जाता है। यहां पर हम आपको दुर्गाष्टमी और नवमी दोनों तिथियों के बारे में बता रहे हैं, जिसके आधार पर आप अपने अनुसार उस दिन शुभ मुहूर्त में कन्या पूजन कर सकते हैं।
